| Movie Name | Thamma |
| Release Date | October 21, 2025 |
| Cast | Ayushmann Khurrana as Alok Goyal ; Rashmika Mandanna as Taraka / Tarika ; Nawazuddin Siddiqui as Yakshasan ; Paresh Rawal as Ram Bajaj Goyal |
| Director | Aditya Sarpotdar |
| Rating | 4/5 |
तो बॉस कनाडा इंडस्ट्री के पास अगर कांतारा है तो हमारे बॉलीवुड में भी मैट यूनिवर्स है जो फोकल की शक्ल में फिल्म दिखाता है। लेकिन आपने कभी इसको उस नजरिए से नहीं देखा ना? अब इस नई फिल्म के बाद पक्का देखने लग जाओगे। हां तो थामा रिलीज हुई है जो अभी तक मैड हॉरर यूनिवर्स की सबसे महंगी फिल्म है। लेकिन क्या सबसे बड़ी बन पाएगी? फटाफट से सब कुछ बताती हूं। उससे पहले एक छोटी सी एडवाइस फिल्म शुरू होने के 10 मिनट पहले थिएटर के अंदर पहुंच जाना क्योंकि वहां इस यूनिवर्स की अगली फिल्म का अनाउंसमेंट किया जाएगा।
तो थामा की कहानी है एक ऐसे जंगल की जिसको श्राप लगा है किसका? बेताल का श्राप। यहां इंसान का आना मना है और इंसान की दुनिया में बेताल का जाना मना है। यह दोनों नियम टूट जाते हैं जब यह टू टू लव बर्ड्स इलू इलू करने लग जाते हैं। भालू इंसान के पीछे और बेताल भालू के पीछे। बस इतनी सी लव स्टोरी है। टू मच फन। लेकिन इतना आसान होता तो पहले ही कोई बेताल ना कर लेता किसी इंसान से प्यार। उनको डर है। पता है किसका? एक गुफा का जिसमें वह रहता है जिसके नाम पर फिल्म का टाइटल थामा रखा है।
एक कैदी जिसको आजादी के लिए चाहिए किसी की बलि माने खून खराबा। तभी तो थामा को अनाउंस करते टाइम बड़ा-बड़ा लिखा था इट्स अ लव स्टोरी बट अ ब्लडी वन। अब खून कौन पिएगा, खून किसका होगा और कौन किसका कितना खून बहेगा? पूरे 2ाई घंटे में पता चल ही जाएगा इस जंगल में मंगल होके ही रहेगा। चलो अब फिल्म को तोड़ लेते हैं चार हिस्सों में। शुरुआत के 30 मिनट खर्च होते हैं थामा की दुनिया को बनाने में बेताल इंसान जंगल वर्ल्ड बिल्डिंग। फिर ठीक 1 घंटे पे पहली बार फिल्म में वैंपायर शब्द का इस्तेमाल होता है। ब्रैकुला का जिक्र किया जाता है। तब रश्मिका का असली रूप बाहर आता है।
उसके 3 मिनट बाद थामा शब्द का असली मतलब क्या है वो पास्ट में जाके समझाया जाएगा। यहां पे आपको पता चलेगा बेताल वैंपायर से अलग क्यों है? वो किसका खून पीते हैं या किसका नहीं पीते। और यहीं पे फिल्म का फर्स्ट कैमियो आता है जिनके बारे में खुल के बात कर सकते हैं क्योंकि ये ट्रेलर में मौजूद थे। हमारे प्रहलाद शाह उर्फ फैजल मलिक बहुत अलग सा रोल है इनका। यह वो नहीं है जो आप सोच रहे हो। कॉमेडी के साथ एक बड़ा ट्विस्ट लेकर आएंगे। फिर आता है इंटरवल पॉइंट। उससे ठीक थोड़ा पहले फिल्म का बेस्ट सॉन्ग रहे ना रहे हम तो बचता ही है लेकिन स्क्रीन पर फिल्म का सबसे शॉकिंग सीन दिखाया जाता है।
मोस्ट अनएक्सेक्टेड ट्विस्ट छुपा है यहां जैसा अभी तक हॉरर यूनिवर्स की किसी भी फिल्म में नहीं हुआ। आप मान लो यह लव स्टोरी ने कुदरत का सबसे बड़ा कानून तोड़ दिया। और ठीक इंटरवल के बाद आता है एक प्रेडिक्टेबल सरप्राइज कैमियो नंबर टू जहां से थामा मैड यूनिवर्स की बाकी मूवीस के साथ जुड़ने लग जाती है। मुंजिया वाले हैंड ऑफ गॉड यह भी ट्रेलर में मौजूद थे लेकिन क्यों थे वो सुनकर आपके होश आसमान तक उड़ जाएंगे। एक किताब जिसके सामने वो पढ़ी जाती है वो है कैमियो नंबर तीन।

यहां से आपको थामा में वो सब कुछ मिलेगा जो आप अनाउंसमेंट के टाइम से फिल्म में एक्सपेक्ट कर रहे थे। एक प्रॉपर यूनिवर्स कैसे बनता है पूरे बॉलीवुड को सिखाएगी। लेकिन फिल्म को नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है ठीक 2 घंटे पे आने वाला कैमियो नंबर चार जो एक नहीं 10 कैमियोस के बराबर असरदार होगा। शायद बॉलीवुड का बेस्ट कैमियो बड़ी स्क्रीन पे जो हॉलीवुड की ट्वाईलाइट की याद दिलाता है। ट्रेलर में दिखाया तो था भूल गए चड्डी पहन के फूल खिलाया भेड़िया निकला है। नोटिस तो किया होगा आपने। भेड़िया ट्रेलर में कुछ अलग सा दिख रहा था और उसका जवाब इस फिल्म में ऐसा मिलेगा कि खून पीने वालों का भी खून बह जाएगा।
मारधाड़, तोड़फोड़, आदमखोर एक्शन बाहर आएगा। लेकिन बात इतने पे खत्म नहीं होती। फिल्म में नोरा फतेही का कैमियो भी है जो इस बार सिर्फ डांस नहीं अपनी उंगली पर स्त्री को नचा रही हैं। कैसे मैं क्यों बताऊं और अब लास्ट में क्लाइमेक्स यहां पे फिल्म के सबसे तगड़े एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी का इस्तेमाल होता है जो थामा को कांतारा की तरह एक हिस्ट्री बेस्ड फोकलोर से ढूंढ जोड़ देते हैं।
क्लाइमेक्स में क्या हुआ वो तो आप देख ही लोगे लेकिन क्लाइमेक्स में फिर से एक ऐसा कैमियो आएगा जो 10 सर के बराबर असर डाल के जाएगा तब पहली बार स्क्रीन पे एमएच सीयू मैकडॉक हॉरर सिनेैटिक यूनिवर्स बड़ा-बड़ा लिखा जाएगा। थामा एक बहुत इंटरेस्टिंग फिल्म है। इसकी कहानी में आप उलझ जाओगे। बीच-बीच में ट्विस्ट आते रहेंगे। लेकिन कैमियोस का इससे बेस्ट इस्तेमाल आज तक पूरे इंडियन सिनेमा में नहीं हुआ। आयुष्मान फनी है। एक मुश्किल रोल इजी कर दिया। लगेगा नहीं पूरे 2 साल बीत गए इनकी लास्ट फिल्म देखे हुए। ऐसा लगेगा इस फिल्म में आप दो अलग-अलग आयुष्मान देख रहे हो। रश्मिका तो आलू हो गई है। कहीं भी फिट हो जाती हैं।
उनका रोल सबसे मस्त है। इंसान को बेताल से जोड़ा है। सुंदर है लेकिन सुशील बिल्कुल नहीं। दांत देखोगे डर जाओगे। लेकिन इस फिल्म में कुछ तो मिसिंग है। पता है ऐसा क्यों लगेगा? क्योंकि दोनों बेस्ट एक्टर्स नवाज और परेश रावल इनका स्क्रीन टाइम काफी कम है। जो कर सकते थे वो करने नहीं दिया। बाकी आइटम सॉन्ग्स टोटल तीन है। दो फिल्म के बीच में और तीसरा एंडिंग के बाद आएगा। कॉमेडी में डबल मीनिंग कहीं-कहीं पे लेकिन इतना नहीं कि घर वालों से फ्लाइंग चप्पल पड़ जाए। थामा को पांच में से चार स्टार्स मिलेंगे दोस्त। पहला बड़ा-बड़ा कैमियोस मजा ही मजा आ गया।
आपको दिखेंगे सिर्फ पांच लेकिन 25 कैमियोस हैं अगर तीसरी आंख से सोचोगे जो इस कहानी में दिखते नहीं लेकिन मौजूद हैं। कैसे दूसरे वीडियो में बताऊंगी। दूसरा थामा की स्टोरी को प्रॉपर यूनिवर्स के साथ प्रॉपर्ली कनेक्ट करके आगे बढ़ाना। तीसरा फोकलोर से उठाए गए बेताल को 2000 साल पीछे से 2025 में लेकर आना और एक आखिरी कैमियो नंबर चार भेड़िया रे भेड़िया तूने क्या किया? थैंक यू मैड डॉग सिनेमा। नेगेटिव्स फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा ज्यादा बाततूनी है।
डायलॉग्स लंबे कहानी छोटी रहेगी और परेश रावल के सीन्स बोरिंग कर दिए। प्लस नवाज द बैड गाय इनको इतना कम क्यों दिखाया? अरे वो दिवाली ही क्या जो पटाखों की लड़ी काजू कतली और थामा के बिना मनाई जाए। टिकट बुक करो। लाइन लंबी लगने वाली है। टेक केयर। बाय-ब।