Ek Chatur Naar Movie Review Story Cast More

Movie NameEk Chatur Naar
Launge Hindi
Cast Divya Khossla · Mamta; (as Divya Khosla Kumar) ; Neil Nitin Mukesh · Abhishek ; Chhaya Kadam · Radha ; Heli Daruwala
Producer Umesh Shukla, Ashish Wagh, and Zeeshan Ahmed
Review 4/5

अक्सर फिल्म को शुरू करने से पहले हमारी उससे कुछ एक्सपेक्टेशंस होती हैं लेकिन दूसरी तरफ कई फिल्म ऐसी बनती हैं जिनको लेकर पहले ही दिमाग में सिर्फ बुरी बातें होती हैं। एक चतुर नाग ये थिएटर में कब आई और कब आकर चली भी गई शायद किसी को पता भी नहीं चला होगा और पता करना भी कौन चाहता है। ये वो टाइप की फिल्म है ना वो टाइप की लेकिन पता है ऐसी फिल्मों के पास एडवांटेज क्या है? इनको बहुत ज्यादा अच्छा नहीं होना सिर्फ थोड़ा सा कुछ अलग दिखाया तो ऐसा लगता है यार यह तो बढ़िया था। सेम यही फील किया कल मैंने 2 घंटे बाद इस फिल्म को

खत्म करके क्योंकि जितना सोचा था उसे तो बहुत ज्यादा ने काफी ज्यादा सरप्राइज किया है इस फिल्म ने और बेस्ट चीज अब तो टिकट भी नहीं लेना फिल्म ओटीटी के रास्ते सीधा आपके घर Netflix तक पहुंच गई है। नाम से समझ जाओ चालाक चतुर सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है ये जिसको बाहर से डार्क कॉमेडी की शक्ल पहनाई गई है। माने रोते-रोते हंसना हंसते-हंसते रोना। यह बात सुनकर आप भरोसा ना करो बट एक्चुअली में अच्छा खासा फैमिली सिनेमा है यह। ओल्ड फैशन हिंदी मूवीस जो 15-20 साल पहले लोग साथ बैठकर खूब एंजॉय करते थे। प्लस डार्क कॉमेडी जरूर है बट

एडल्ट व्गर डबल मीनिंग जोक्स जैसा कुछ नहीं है। प्रॉपर संस्कारी फिल्म है जिसमें लखनवी तमीज भर-भर के डाली गई है। तो कहानी शुरू होती है चोरी के साथ नवाबों के शहर लखनऊ में एक कांड हो जाता है जब एक बड़े बिजनेसमैन का फोन चोरी हो जाता है। कहने को तो सिर्फ मोबाइल है लाख रुपए की बात होगी लेकिन फोन में जो डाटा है वो मंत्री, संत्री, सिस्टम, सरकार सबके राज छुपा के बैठा है। गलती से फोन खुल गया, किसी गलत हाथ में पड़ गया तो पता है क्या होगा? अरे वही तो दिखाना चाहती है यह फिल्म। एक चालाक चोरनी दिमाग से शैतान लालच से इंसान

वो जम के फायदा उठाती है जब पता चलता है यह फोन आखिर किसका है कितना कमा के दे सकता है पता है कितना पूरे 2 करोड़ वो भी सिर्फ एक वीडियो के बदले में वीडियो में क्या होगा वो बच्चा-बच्चा समझ गया होगा यहां से फिल्म में जबरदस्त ब्लैकमेल शुरू होगा वैसे पता है यह फिल्म किसने बनाई है उमेश शुक्ला जानते हो कौन है यह अक्षय कुमार की क्लासिक फिल्म ओएमजी ओ माय गॉड पार्ट वन परेश रावल वाली उसके मास्टरमाइंड एक और अच्छी फिल्म 102 नॉट आउट उसको भी इन्होंने ही बनाया था तो इतना पक्का है फिल्म बनाने वाले को फिल्म बनाना आता है।

इस फिल्म को बनाने का आईडिया बिल्कुल खराब नहीं है। बस 10-15 साल लेट हो गया है। मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा मैं नागिन तू सपेरा। इस गाने को नई शक्ल मिल जाती है जब यह चोरनी उसी बिजनेसमैन के घर में घुस जाती है और उसको अपने इशारों पर नचाती है। फोन से शुरू हुआ खेला ऐसा खेला जाता है कि ब्लैकमेल मर्डर में बदल जाता है और शिकारी खुद किसी का शिकार बन जाता है। पुलिस, पॉलिटिक्स, पावर और प्यार इन सबके बीच में छुपा हुआ डायरेक्टर का धोखा कोई देख नहीं पाता जो अचानक से क्लाइमेक्स में बाहर आता है और फिल्म के लिए आपका रिस्पेक्ट बढ़

जाता है। चोर, पुलिस, चूहे बिल्ली वाली फिल्में हम देख चुके हैं बहुत सारी। फिर से देख लेंगे मगर कॉमेडी तो नई होनी चाहिए ना। पुराने जोक्स पे कितना हंसोगे? दिक्कत यह है फिल्म को शक्ल देने वाले एक्टर्स आपको उसके साथ जोड़ने में थोड़ा सा फेल रह जाते हैं। इनकी हल्की एक्टिंग की वजह से बड़े सीन्स भी सीरियस नहीं हो पाते हैं। सस्पेंस, ट्विस्ट, थ्रिल तीनों आपको क्लाइमेक्स में शॉक कर देंगे। बट एक्टिंग वगैरह पे ज्यादा ध्यान नहीं देंगे तो बेहतर होगा 2 घंटे अच्छा टाइम पास होगा। फिल्म सच में उतनी भी खराब नहीं है जितना

आप सोच रहे हो। पांच में से दो स्टार्स, पहला क्लाइमेक्स का धोखा, दूसरा 2 घंटे तक बिना बोर किए रोका। नेगेटिव्स, पुरानी कहानी, एक्टिंग, खराब और कॉमेडी बच्चों वाली। कुछ नया नहीं है तो कुछ बुरा भी नहीं है। समय बिताने के लिए अगर करना है कुछ काम तो इस फिल्म को देख सकते हो। बिना दिमाग लगाए करते-करते आराम। ओके टेक केयर। बाय-ब।

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