| Movie Name | Dies Irae |
| Release Date | 31 October 2025 |
| Cast | Pranav Mohanlal as Rohan Shankar, an Indo-American citizen living in Kerala · Sushmita Bhat as Kani, Rohan’s girlfriend · Gibin Gopinath as Madhusudhanan |
| Producer | Chakravarthy Ramachandra |
| Rating | 2/5 |
इंडिया की सबसे बेस्ट हॉरर फिल्म आपके लिए कोई दूसरी भी हो सकती है। बट मैंने जब भूतकालम देखी थी तो उसके जैसा सिनेमा पूरी दुनिया में कहीं नहीं देखा था। रियल हॉरर जो आंखों से नहीं दिमाग से महसूस करते हैं। एक सच्चा भूत कैसा दिखता होगा उस फिल्म में दिखाई दिया। फिर ठीक उसके बाद उसी सेम डायरेक्टर ने ब्रह्म युगम बनाया। ऐसा सिनेमा जिसको 2024 में ब्लैक एंड वाइट पर रिलीज़ किया गया। जब फिल्म देखी तब जाके समझ आया इस सिनेमा में कलर्स का यूज़ क्यों नहीं किया। ऑस्कर भी भेज देते ना तो बड़ी बात नहीं हम टॉप फाइव में तो आ ही जाते।
और अब वो सेम डायरेक्टर हैट्रिक मारने आए हैं एक तीसरी फिल्म के साथ जिसमें भूतकालम जैसा डर और ब्रह्म युगम जैसा सस्पेंस टू इन वन सिनेमा। डीएस इरे सुन के ही लगता है यह किसी इंडियन फिल्म का नाम कैसे हो सकता है और बिल्कुल सही सोच रहे हो आप किसी भी एंगल से इस फिल्म का कंटेंट इंडियन फिल्मों जैसा नहीं है। सिंपल वर्ड्स में बताऊं तो यह शब्द डीएसरे फ्यूनरल्स में यूज किया जाता है जिसका मीनिंग है डे ऑफ जजमेंट। माने जब भगवान किसी इंसान को मौत से जिंदा करके उसका फैसला सुनाता है स्वर्ग या नर्क। एक प्रॉपर क्लासी हॉरर
सिनेमा है और बढ़ा चढ़ा के नहीं बोल रही हूं। बट इसके जैसा शायद आपको किसी हॉलीवुड फिल्म ने भी बहुत टाइम से फील नहीं कराया होगा। स्पेशली इस फिल्म का इंटरवल एकदम बीच वाला सीन उसको तो उन सब लोगों के लिए देखना अलाउड ही नहीं होना चाहिए जो घर में अकेले रहते हैं। क्योंकि उस सीन के बाद शायद आप दोबारा अकेले रह नहीं पाओगे। घर की दीवारों को भी देखने से डर जाओगे क्योंकि उस पर परछाई दिखती है जो किसी की भी हो सकती है। स्ट्रांग ब्लड वार्निंग भी देती हूं आपको क्योंकि फिल्म में एक सीन ऐसा है जहां इंसान के शरीर को ऐसा तोड़ा
मरोड़ा गया है जिसको कैमरा से शूट करने वाला आदमी नॉर्मल कैसे रहा होगा मुझे नहीं पता हेरिडेटरी फिल्म का वो आइकॉनिक सीन उसके लेवल तक को क्रॉस कर दिया। तो बॉस यह कहानी शुरू होती है। एक मालामाल अमीरजादे आर्किटेक्ट के साथ दूसरों के परिवार के लिए घर बनाता है। लेकिन अपने घर में एकदम अकेला रहता है। पार्टी, शराब और लड़कियां बस लाइफ के तीन ही शौक हैं। लेकिन एक शौक, इंग्लिश वाला शौक इसको लगता है जब एक सुसाइड केस के बारे में पता चलता है। घर के बाहर कुआं, कुएं के अंदर लड़की जब वो बाहर निकली तो लाश सड़ चुकी थी। बुरी तरह
कोई अपने साथ इस तरह की चीज करने के बारे में सोच भी कैसे सकता है? वह दिन था और तब से हर रात इस लड़के को ऐसा लगने लगा है कि अब इस बड़े से घर में अकेला नहीं है। कोई तो है जो इसकी बिना इजाजत इसके साथ रहने लगा है। क्यों? इस सवाल का जवाब ले जाता है इसे एक ऐसे इंसान के पास जिसको बचपन से ही ऐसी चीजें दिखती हैं, जो शायद बाकी इंसान देखने के बारे में सोचने से भी घबरा जाएगा। कमाल की बात ये दोनों एक्टर्स इस फिल्म का मेन कैरेक्टर नहीं है। अरे कोई इंसान है ही नहीं। घुंघरू पैरों वाले उसके बिना यह कहानी पूरी नहीं हो पाएगी वो है.

असली मेन हीरो। अब सोचने वाली बात वैसे यह है क्या दो मामूली इंसान उन चीजों से मिलकर लड़ पाएंगे जिनको ना तो देखा जा सकता है और ना ही उनसे छुपा जा सकता है। और यह लड़का ही क्यों? क्या यह खुद भी कुछ छुपा रहा है? जिस वजह से अंधेरा इसको डरा रहा है। कसम से बोल रही हूं इस फिल्म का क्लाइमेक्स देखोगे तो ऐसा लगेगा शरीर के अंदर कुछ चल रहा है। बहुत घिनौना है। मेंटली डिस्टर्ब करने वाला है। अरे रियल लाइफ पे बेस्ड है। तो बॉस एकदम लास्ट मतलब स्क्रीन पर दी एंड लिखा आने से बस 10 सेकंड पहले एक ऐसा सीन क्रिएट किया जिसको
देखते टाइम ऐसा लगा मेरा दिल रुक ही गया। वाओ मतलब वाओ क्या जबरदस्त इमेजिनेशन है। पक्का यकीन हो चुका है फिल्म के डायरेक्टर के साथ बचपन में बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिसे फिल्म की शक्ल देखकर वो हम सबको आने वाले कई सालों तक डराएंगे और इसमें उनका पूरा साथ दिया है फिल्म के म्यूजिक ने साउंड इफेक्ट्स हर एक सीन के लिए उतना ही डरावना है। स्पेशली रात के अंधेरे वाले सींस तो जानलेवा हैं। ऑलमोस्ट डेड कर दिया। प्रणव मोहन लाल इनका फेस देखकर आपको इन पे ही शक होगा तो कभी बेचारे के लिए बुरा लगेगा लेकिन इनको डरते देख के खुद भी डर लग जाए.
इतना रियल परफॉर्मेंस। पांच में से चार स्टार्स दूंगी मैं क्योंकि ऐसा सिनेमा ज्यादा बनना चाहिए। हॉरर का मीनिंग बदलना चाहिए। एक्टिंग, स्टोरी, क्लाइमेक्स और डायरेक्शन। नेगेटिव्स बस एक शिकायत भूतकालम के जैसा घोस्ट एनकाउंटर थोड़ा ज्यादा होता तो यह फिल्म कंप्लीट हो जाती। थ्रिल और ट्विस्ट में स्केर्स थोड़ा कॉम्प्रोमाइज हो गए। फिल्म जरूर देखो बट अकेले बिल्कुल नहीं लेकिन एडवेंचर करके देखना है तो आपकी मर्जी। अपना बहुत ख्याल रखना। टेक केयर। बाय-ब।