Lalo Gujarati Movie Review Story Cast More Review

Movie NameLalo
Release Date 10 October 2025
Cast Karan Joshi · Reeva Rachh · Shruhad Goswami · Anshu Joshi · Kinnal Nayak · Parul Rajyaguru · Yash Varan · Jaydeep Timaniya.
Producer Films and Jay Vyas Productions
Review 4/5

आजकल बॉक्स ऑफिस से फिल्मों को हिट फ्लॉप बोला जाता है ना तो एक फोटो दिखाती हूं आपको इसको ध्यान से पढ़ना फिर आराम से बताना इस फिल्म को क्या बोलोगे आप पहले हफ्ते में टोटल 40 लाख कमाया सेकंड वीक में 30 लाख आया तीसरे में 80 लाख पहुंच गया और चौथे में 15 करोड़ हो गया जी हां फोर्थ वीक नंबर लालू कृष्णा सदा सहायते मेरा जीमेल Instagram मैसेजेस भरे पड़े हैं इस नाम से और जब फिल्म देखी तब समझ आया कितनी बड़ी बेवकूफी हो गई मुझसे इस फिल्म को जल्दी ना देखकर बॉलीवुड हो या टॉलीवुड इवन हॉलीवुड सबको इस छोटी सी गुजराती फिल्म के बारे में केस स्टडी करना चाहिए।

ऑडियंस के साथ कनेक्शन कैसे बनाया जाता है? अच्छी फिल्म को अच्छी ऑडियंस कभी धोखा नहीं देती। इसीलिए ऑल टाइम हिस्ट्री की सबसे कमाऊ हाईएस्ट रनिंग गुजराती फिल्म बनने जा रही है ये। वो भी तब जब शुरू के 21 दिन में फिल्म ने सिर्फ 1.5 करोड़ टोटल कलेक्शन किया था। तो फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि यह अपने फोर्थ सैटरडे को पहली गुजराती फिल्म बन चुकी है जिसने एक दिन सिर्फ 24 घंटे में पहली बार 5 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया है। आज संडे के बाद फिल्म आराम से 30 करोड़ पार चली जाएगी और कोई गारंटी नहीं है शायद अगला सैटरडे 5

करोड़ से भी ज्यादा बड़ा निकल जाए और यह सब कुछ तब जब फिल्म का बजट पता है कितना गेस कर सकते हो नहीं कर पाओगे सिर्फ और सिर्फ 50 लाख प्रॉफिट परसेंट कितना ऑलमोस्ट 5000% से ज्यादा वाओ मतलब वाओ तो आपका हक बनता है 2025 की नंबर वन सक्सेसफुल फिल्म के बारे में जानने का और जल्दी से जल्दी खुद इसको देखकर हिस्ट्री में शामिल हो जाने का बेसिक आईडिया में अगर बोला जाए ना तो लालू कृष्णा सदा सहायते वो फिल्म है जिसको शायद अक्षय कुमार ओmg3 बता के रिलीज़ करना चाहेंगे। बाहर से देखोगे तो फिल्म एक थ्रिलर जैसी है लेकिन अंदर ही अंदर इसमें स्पिरिचुअल डिवाइन मैसेज भी डाला गया है जिसने फिल्म के कंटेंट को चैंपियन बना दिया है।

कहानी शुरू होती है एक मामूली से ऑटो रिक्शा ड्राइवर के साथ जिसके पास सब कुछ है परिवार बीवी बच्चा बस इनको जोड़ने के लिए पैसा नहीं है और एक दिन इस पैसे का पीछा करते-करते वो पहुंच जाता है एक ऐसे नर्क में जहां से वापस बाहर निकलना नामुमकिन है सच में इंपॉसिबल है। एक ऐसा घर जिसकी दीवारों पर करंट घूमता है उसके अंदर बंद हो गया है अपना लालो ड्राइवर एक छोटी सी गलती फिर शायद घर से बाहर सिर्फ उसकी लाश ही निकलेगी|

दूसरी तरफ लालो की बीवी पुलिस के चक्कर में फंस गई है 1 2 3 पूरे 20 दिन बाद जब पति नहीं आया तो क्या वो इस दुनिया में है भी या नहीं इस सवाल में अटक गई है। यहां से पहली बार मैंने गुजराती फिल्म को सर्वाइवल थ्रिलर बनते देखा जब एक इंसान दिमाग की पूरी ताकत लगाकर अपनी जिंदगी को बचाने के लिए छटपटाने लगता है। तब महाभारत में अर्जुन को रास्ता दिखाने वाले मुरली के शौकीन गांव के ग्वाले कृष्ण कन्हैया जादू बनके लालू की जिंदगी में रास्ता दिखाने आते हैं। यहां से आपको फिल्म में ओएमजी सीरीज वाला फील आने लगता है। बहुत ही सिंपल सी स्टोरी है लेकिन उतना ही स्ट्रांग कनेक्शन इस सिनेमा के साथ बन जाता है।

दिमाग रुक सा जाता है। अब जिंदगी मौत के बीच सिर्फ कृष्ण खड़े हैं। लेकिन लालो को उस नर्क में जाना ही क्यों पड़ा? इस सवाल का जवाब आपको जब पता चलेगा तो अपनी जिंदगी को एक नए नजरिए से देखना शुरू कर दोगे। यह फिल्म लॉजिकल कम और मैजिकल ज्यादा है। बट जिस तरह का इमोशन टेंशन क्रिएट किया है उसने चौथे हफ्ते में भी ऑडियंस को थिएटर तक खींच लिया है। लिटरली शॉक्ड हूं मैं रीजनल सिनेमा के कांसेप्ट और यूनिक आइडियाज को देखकर जब 50 लाख में यह सब बन सकता है तो सोचो 50 करोड़ में ये लोग क्या दिखाएंगे।

और सबसे कमाल की बात पहली बार इन एक्टर्स को देखा होगा मैंने। लेकिन लालू पे गुस्सा भी आया उसकी बीवी पर तरस जबकि कृष्ण के सामने सर झुक गया। उनको उन्होंने रिस्पेक्ट से बोलने का मन किया। एक परफेक्ट फैमिली फिल्म है यह और जो बॉक्स ऑफिस पे यह कर रही है 100% डिर्व करती है। आपके पास भी मौका है। सहपरिवार जाओ लालो कृष्णा सदा साहित्य में खो जाओ। टेक केयर बाय-ब हो जाओ।

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