| Movie Name | The Taj Story |
| Release Date | 31 October 2025 |
| Cast | Paresh Rawal, Zakir Hussain, Amruta Khanvilkar, Namit Das, and Sneha Wagh |
| Producer | Swarnim Global Service Pvt Ltd |
| Rating | 4/5 |
दोस्तों, अब आपको ताजमहल देखने के लिए आगरा नहीं बल्कि अपने नजदीकी थिएटर में जाना पड़ेगा। वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह। हेलो हाय नमस्कार स्क्रीन वाला देख रहे हैं आप। आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी फिल्म के बारे में जो रिलीज से पहले ही डिस्कशन और कंट्रोवर्सी दोनों में आ चुकी है। क्या बात कर रहा है? जी हां, परेश रावल की द ताज स्टोरी। ट्रेलर देखकर ही लोग कह रहे हैं कि ये फिल्म कुछ बड़ा करने वाली है। अच्छा। करीब 3 मिनट का ट्रेलर है। पूरा फोकस परेश रावल कोर्ट रूम ड्रामा और ताजमहल पर है।
कहानी एक गाइड विष्णुदास यानी परेश रावल के इर्द-गिर्द घूमती है जो ताजमहल पर केस कर देते हैं। जी हां, कोर्ट केस। अब परेश भाई भी कमाल है। पहले भगवान पर केस किया और अब ताजमहल पर। अरे बाप रे ये तो धोती खोल रहा है। विष्णुदास का कहना है कि ताजमहल असल में एक मंदिर था जिसे बाद में मकबरा बना दिया गया। कोर्ट में वो कई बड़े और बोल्ड सवाल उठाते हैं। जैसे क्या दुनिया में ऐसा कोई मकबरा है जिसके ऊपर गुंबद और कलश दोनों हो? क्या ताजमहल का डीएनए टेस्ट होना चाहिए? और सबसे बड़ा सवाल, उन 22 बंद कमरों में आखिर क्या है जिन्हें कभी खोला नहीं गया?

फिल्म यह दावा करती है कि यह सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। लेकिन कहानी में फिक्शन और ड्रामा दोनों मिले हुए हैं। यानी रियल लाइफ कंट्रोवर्सी के साथ सिनेैटिक लिबर्टी भी ली गई है। अब बात करते हैं ट्रेलर में परफॉर्मेंस की। परेश रावल एज ऑलवेज कमाल धमाल एक नंबर। उनकी डायलॉग डिलीवरी, एक्सप्रेशन और कोर्ट रूम सीन में उनका कॉन्फिडेंस सब कुछ टॉप नच लग रहा है। वो लिटरली पूरी फिल्म अपने कंधों पर लेकर जाने वाले हैं। ऐसा दिखता है। जाकिर हुसैन, बृजेंद्र काला, अखिलेंद्र मिश्रा और शशि शर्मा जैसे शानदार कलाकार भी अपने किरदारों में अच्छे लग रहे हैं।
लेकिन ट्रेलर देखकर लगता है कि उनका स्क्रीन टाइम थोड़ा लिमिटेड है। कभी-कभी डायलॉग्स भी थोड़े ओवर ड्रामेटिक आपको लग सकते हैं। जैसे कि असली कोर्ट से ज्यादा ऐसा लग रहा है कोई सेट बनाया हो। खैर कोई बात नहीं डायरेक्शन की बात करें तो तुषार अमरीश गोयल ने फिल्म को अच्छे तरीके से हैंडल किया है। ट्रेलर देखकर तो यही लग रहा है। उन्होंने कहानी को फेथ वर्सेस फैक्ट यानी आस्था बनाम तर्क के कांसेप्ट पर बनाया है। जहां साइंस और बिलीफ आमने-सामने आते हैं। सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो अच्छी है। खासकर ताजमहल के शॉट्स विजुअली आपको इंप्रेसिव लगेंगे।
अब बात करते हैं कंट्रोवर्सी की। ट्रेलर के रिलीज़ होते ही लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि ये फिल्म एक नई बहस छेड़ देगी। कुछ का मानना है कि ये फिल्म सच दिखाने की कोशिश कर रही है बल्कि कुछ कह रहे हैं कि ये फिल्म एक खास नैरेटिव को बढ़ावा देती है। पर ऑनेस्टली फिल्म का मकसद सोचने पर तो मजबूर करेगा। आप इसे सहमत हो या असहमत देखने के बाद डिस्कशन होगा। ओवरऑल द ताज स्टोरी एक ऐसा कोर्ट रूम ड्रामा है जिसमें इमोशन, लॉजिक और कंट्रोवर्सी तीनों का मिक्स देखने को मिलता है। कांसेप्ट बोल्ड है। परेश रावल ब्रिलियंट है और फिल्म 31