| Movie Name | Tere Ishk Mein |
| Release Date | 28 November2025 |
| Cast | Shankar Gurukkal ; Kriti Sanon · Mukti Neniwal ; Jaya Bhattacharya · College Professor ; Prakash Raj · Raghav Gurukkal |
| Producer | आनंद एल. राय, भूषण कुमार, कृष्णा कुमार, और हिमांशू शर्मा |
| Rating | 3/5 |
सोचो जिस फिल्म का हीरो फिल्म की हीरोइन को देखकर पहली लाइन ये बोले तेरी शक्ल देखकर मुझे उल्टी आ रही है। आपको अंदाजा है उसकी बैक स्टोरी कितनी जानलेवा रही होगी। लव स्टोरी तो 2025 में बहुत सारी आंखें चली गई। अब बारी है एक हिट स्टोरी देखने की नफरत वो भी ऐसी जिसकी मिसाल दी जाएगी। बाप रे बाप क्या देखा यार सच में रांजना 2 की तरफ इसको शुरू किया गया था। बट खत्म होते-होते इसने उस फिल्म को भी पागलपन में बहुत पीछे छोड़ दिया है। तेरे इश्क में यह सिर्फ एक फिल्म का नाम नहीं है। एक चेतावनी है, वार्निंग है हर उस
इंसान के लिए जो प्यार में पड़ा है या प्यार उसके पीछे पड़ा है। मत देखना बहुत बुरा पछताओगे। यह कहानी है एक ऐसी कॉलेज स्टूडेंट की जो दूसरे इंसानों को पढ़ती है। अरे भाई ह्यूमन साइकोलॉजी इंसान का दिमाग उसमें डिग्री लेना चाहती है और इसका फेवरेट सब्जेक्ट मैथ्स या साइंस नहीं है। चलता फिरता शरीर है जिसको पूरी दुनिया इंसान समझती है। बट असलियत में वो किसी एनिमल से कम नहीं है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का प्रेसिडेंट है। वायलेंस उसके खून में बहता है। आंख, हाथ, पैर, सर, दांत, ऊपर से नीचे तक सब कुछ तोड़ता है।
लेकिन कितनी सुंदर रही होगी वो लड़की जिसके लिए यह खुद अपना दिल तुड़वाने को तैयार हो गया। ए भाई अपुन को भी इस बार सच्ची में सच्चा वाला प्यार हो गया। बस इतना सुनके आप जो धोखा खा रहे हो ना वो पूरे फर्स्ट हाफ लगभग डेढ़ घंटे चलेगा जब फिल्म में हर तरफ गिटार बजेगा और लड़का लड़की के प्यार में गिरफ्तार रहेगा। लेकिन जैसे ही सेकंड हाफ शुरू होता है एक खींच के तमाचा पड़ता है आपके दिल को जो इन दोनों को लेकर क्या-क्या सपने देख रहा था उस पे खुद पेट्रोल डाल के आग लगा दी है हीरो ने। लेकिन क्या उसको हीरो बोलना सही
होगा जो अपने हाथ में बंदूक लेकर उस लड़की को मारने निकला है जिसे दुनिया में सबसे ज्यादा पाना चाहता है। हीरो है या विलेन? शंकर करे तेरे घर भी बेटा पैदा हो ताकि तुझे भी समझ आए जो किसी के प्यार में मर जाते हैं वो भी किसी के बेटे होते हैं। यह श्राप क्यों दिया गया होगा? किस हद तक नफरत गुजर गई होगी? किसने बोला सिर्फ चाकू, बंदूक, तलवार से लोग मरते हैं। इस फिल्म के दो-तीन डायलॉग्स ही काफी हैं। पूरी दुनिया को बांटता फिरता है, लेकिन खुद को नहीं दे सकता। शंकर और मुक्ति की कहानी है यह। शंकर जो चाहे तो मौत को भी
हरा दे पर मुक्ति से खुद को कैसे बचा ले। साफ बोल देती हूं तीन शर्तें हैं जो आपको माननी पड़ेंगी अगर इस फिल्म को एंजॉय करना है। पहला सिर्फ आंख और दिल खुले रखना लॉजिक के लिए दिमाग को चालू मत कर देना। बहुत सारे सीन्स, बहुत सारे डायलॉग्स, बहुत सारी सिचुएशंस फिल्म में ऐसी आएंगी जिनके पीछे रीज़न मत ढूंढना क्योंकि यह सिनेमा है रियल लाइफ नहीं इतना आपको समझना पड़ेगा। दूसरा कृति सेनन का कैरेक्टर फिल्म में बहुत हेटफुल है। उससे इजीली नफरत तो 99% लोग कर लेंगे। शायद लड़कियों को काफी कुछ सुनना भी पड़ेगा। बट आप उस.

कैरेक्टर के दिमाग के अंदर झांकने की कोशिश करोगे तभी फिल्म की कहानी को समझ पाओगे। इस फिल्म में प्यार के अलावा दूसरा नजरिया देख पाओगे। तीसरी शर्त है इस फिल्म का क्लाइमेक्स जो बहुत लोगों को बेवकूफी लग सकता है। कोई इसको स्टूपिड भी बोल सकता है बट वहां पे इमोशंस को फील कर गए तो यह फिल्म देखने जाओगे। देखो आनंद एल राय को आदत है अच्छी खासी लव स्टोरी के साथ एक्सपेरिमेंट करने की। फिर चाहे शाहरुख खान की जीरो उठा लो या फिर अक्षय कुमार की अतरंगी रे। और इसी तरह इस नई फिल्म के इश्क में जो एयरफोर्स का तड़का लगाया है
उसने फिर से फिल्म को रिस्की बनाया है। जमीन पे प्यार को सुलझाने के लिए हवा में जहाज को क्यों उड़ाया है? देखो मेरा मानना यह है जिस फिल्म के डायरेक्टर का टेस्ट म्यूजिक में जबरदस्त होता है उसकी फिल्मों का इमोशन भी बहुत सॉलिड होता है। इमोशन में बहकर ही इस फिल्म को बनाया गया है और इमोशन में रहकर ही आप इसको समझ पाओगे। वायलेंस, सनक, प्यार, बदलाव, पछतावा और मौत। यह पूरा रांजना जैसा साइकिल फिर से रिपीट हुआ है जिसमें नया-नया म्यूजिक शामिल हुआ है। ए आर रहमान पत्थर को भी रुला सकते हैं। और हेलो ठीक 1 घंटे 55
मिनट पे फिल्म में आएगा वो सीन जो दो फिल्मों को आपस में जोड़ देगा। मुरारी की आवाज तो ट्रेलर में सबने सुनी लेकिन फिल्म में जब देखोगे रोंगटे खड़े हो जाएंगे। रोंगटे से याद आया इस फिल्म को लोग कृति धनुष के लिए देख रहे हैं। बट बिल्कुल तैयार नहीं हो प्रकाश राज सर के सींस के लिए। यकीन नहीं होता यह वही आदमी है जो सिंघम से लड़ रहा था। और जब धनुष ने बोला प्यार में पूरी दिल्ली फूंक दूंगा तो हां वो ऐसा कर सकता है आपको तुरंत यकीन हो जाएगा। डायलॉग सिर्फ बोला नहीं एक्टिंग ने सच साबित कर दिया। एक तमिल लड़के को दिल्ली में डाल के साउथ एक्सेंट जस्टिफाई
कर दिया। दूसरा हीरो बनना है तो ऐसा दिखना है, ऐसा चलना है। यह सब कुछ धनुष ने अपने एटीट्यूड से जला के राख कर दिया। कृति का कैरेक्टर है सबसे ज्यादा कंट्रोवर्शियल। कुछ लोग धोखेबाज बोल सकते हैं। कुछ फेमिनिज्म का झंडा निकाल के सही साबित कर सकते हैं। बट मानना पड़ेगा चेहरा इतना सुंदर और कांड इतने गंदे किए हैं इन्होंने जिसे देखकर फिल्म इंडस्ट्री में तूफान आने वाला है। ऐसा रोल अगली बार कौन करेगा? पांच में से चार स्टार दूंगी क्योंकि मैंने इस फिल्म को इमोशंस से देखा है। ओनली मैजिक, नो लॉजिक। म्यूजिक, एक्टिंग,
इमोशंस और क्लाइमेक्स जो मुझे तो मस्त लगा। बस एक शिकायत मुक्ति की साइड की स्टोरी को फास्ट फॉरवर्ड कर दिया। जबकि शंकर को पूरा 2 घंटे दे दिया। यह नाइंसाफी नहीं करनी थी। और हां दो कैरेक्टर जिनकी बात कम होगी लेकिन रोल जबरदस्त है। इनकी फिल्म है भाेश जोशी और इनका YouTube में फ्री शो है सपने वर्सेस एवरीवन। यह दोनों चीज जरूर देखना। लेकिन हां दिमाग इस्तेमाल करके टिकट खरीद के फिल्म देखने जा रहे हो तो प्लान कैंसिल कर दो। तेरे इश्क में तेरे समझ में तो नहीं आने वाली। टेक केयर। बाय-बाय।